logo
add image
TRENDING NOW
Blog single photo

परमार्थ निकेतन में हुआ दो दिवसीय गंगाजी के प्रति जागरूकता और आरती प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन 

admin 02 Dec 2022 1367

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के आशीर्वाद और पावन सान्निध्य में आज परमार्थ निकेतन में दो दिवसीय गंगा जी के प्रति जागरूकता और आरती प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें नमामि गंगे के अधिकारियों और बिहार और उत्तरखंड से आये सैकड़ों प्रतिभागियों ने सहभाग किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य जनसमुदाय और नदी के बीच आस्था का एक मजबूत सेतु तैयार करना ताकि गंगा जी के संरक्षण के साथ ही आस्था के शक्तिशाली उपकरण द्वारा सामाजिक व्यवहार परिवर्तन कर स्थायी आजीविका के अवसर पैदा करना है। इस कार्यशाला के माध्यम से गंगा जी की नियमित आरती, घाटों पर योग, सांस्कृतिक कार्यक्रम, घाट पर हाट जैसे कार्यक्रम और गतिविधियों के माध्यम से मां गंगा को आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत के रूप में जोड़ने का एक शक्तिशाली प्रयास किया जा रहा है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सभी संस्कृति और गंगा प्रहरियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि यशस्वी, तपस्वी और ऊर्जावान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था कि माँ गंगा ने मुझे बुलाया है, वैसे ही आप सभी को भी माँ गंगा ने आज यहां आमंत्रित किया है। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री जी और जल मंत्रालय का अभिनन्दन करते हुये कहा कि भारत के पास केवल सरकार नहीं बल्कि संस्कारी सरकार है इसलिये इन अद्भुत परम्पराओं का शुभारम्भ हो रहा है।
मोदी जी के मार्गदर्शन और जल शक्ति मंत्रालय के नेतृत्व में गंगा तटों के लिये लिखा जायेगा एक नया इतिहास क्योंकि भारत केवल ताजमहल, लाल किला और मुम्बई की चैपाटी के लिये प्रसिद्ध नहीं है बल्कि हमारे पास गंगा जी जैसी नदियां है। अब हमारी युवा पीढ़ी को केवल गोवा नहीं बल्कि गंगा के तटों का भी दर्शन करना होगा।
आप सभी परम्पराओं और पर्यावरण के प्रहरी है, ये तो शुरूआत है यह यात्रा बहुत दूर तक जायेगी। गंगा आरती के माध्यम से विचार और व्यवहार दोनों परिवर्तन लायेगा। गंगा के तटों पर किया गया जागरण पूरे विश्व को प्रकाशित करेगा इसलिये गंगा को स्वच्छ रखना जरूरी है।
ज्ञात हो कि परमार्थ निकेतन की गंगा आरती  ‘सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है’ की भावना के साथ ही सामाजिक सामंजस्यता और भाईचारे की भावना का प्रसार करती है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी आरती के माध्यम से प्रतिदिन अपनी जीवनदायिनी नदियों को स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त रखने, अपने गाँव और गलियों को स्वच्छ, हरित और खुले मैं शौच से मुक्त रखने, धरती माँ को हरित रखने के लिये अधिक से अधिक पौधों का रोपण और संरक्षण करने, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने तथा ग्लोबल वार्मिग और क्लाइमेंट चेंज को देखते हुये अपने पर्व और त्यौहार, जन्मदिवस और विवाह दिवस को हरित उत्सव के रूप में मनाने का संदेश देते हैं।
इस दो दिवसीय कार्यक्रम में शैक्षिक सत्र, व्यावहारिक प्रशिक्षण और अनुभवों को शामिल किया जा रहा है ताकि प्रतिभागियों को गंगा के साथ और अधिक गहराई से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो सके। प्रतिभागियों को आरती डिजाइन करने के लिए आवश्यक सभी उपकरणों के साथ सशक्त और आत्मविश्वासी बनाया जा रहा है ताकि वे यहां से जाकर औरों को भी प्रेरित कर सके।

Top