logo
add image
TRENDING NOW
Blog single photo

जीवन एक रंगमंच, सभी निभाते हैं अपना-अपना किरदारः भारती

admin 03 Oct 2023 853




देहरादून,  दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की शाखा निरंजनपुर के द्वारा आश्रम प्रांगण में दिव्य सत्संग-प्रवचनों एवं मधुर भजन-संर्कीतन के कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। सद्गुरू आशुतोष महाराज की शिष्या तथा देहरादून आश्रम की प्रचारिका साध्वी विदुषी जाह्नवी भारती जी ने उपस्थित भक्तजनों को मानव जीवन की विकट और संघर्षशील स्थित पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मानव जीवन एक प्रकार का रंगमंच ही तो है जिसमें सभी को अपनी-अपनी भूमिका निभानी होती है। कोई जीवन की बाजी जीतकर तो कोई अपनी भूमिका में विफल होकर संसार से कूच कर जाता है। अनेक पात्रों को जीते हुए मनुष्य अपने परम लक्ष्य के प्रति यदि जागरूक नहीं हुआ तो समूचा जीवन ही व्यर्थ चला जाता है। यदि शाश्वत ईश्वरीय मार्ग प्राप्त हो जाए, संत-सदगुरू के कृपाहस्त तले सनातन ‘ब्रह्म्ज्ञान’ के द्वारा भक्ति मार्ग की प्राप्ति हो जाए तो इसी में मनुष्य जीवन का परम कल्याण है। मानव के समक्ष दो मार्ग हुआ करते हैं एक प्रेय मार्ग होता है जिस पर कि चलने पर शुरूआत में सुख और साधन प्राप्त होते जाते हैं किन्तु अंत में इस मार्ग का पटाक्षेप अत्यंत दुख भरा हुआ करता है, जब कि दूसरा मार्ग श्रेय मार्ग है यह प्रारम्भ में तो काफी दुष्कर और विषमताओं, संघर्षों से परिपूर्ण होता है लेकिन अंततः इसका समापन असीम शांति और आनन्द में हुआ करता है। भक्ति मार्ग पर चलने के लिए ‘योद्धा’ बनना पड़ता है तभी विजयश्री का आलिंगन वह कर पाता है। महात्मा बुद्ध का जीवन प्रसंग उद्धृत करते हुए साध्वी जी ने विस्तार पूर्वक समझाया कि परिस्थिति से डरने की बजाए उसका सामना करना चाहिए। सद्गुरू अपने शिष्य का निर्माण कर उसे निरंतर उंचाई की ओर अग्रसर किया करते हैं। संघर्ष जितना बड़ा, जीत भी उतनी ही बड़ी ओर महान होगी। जब अंधकार पराकाष्ठा को छूने लगे तो समझ लेना चाहिए कि उजाला अत्यंत निकट है। ईश्वर की भक्ति ही मानव जीवन की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि हैै। समापन से पूर्व साध्वी अरूणिमा भारती जी ने कहा कि मनुष्य का जीवन अनमोल है साथ ही क्षणभंगुर भी है। इसलिए यथाशीघ्र मनुष्य जीवन का परम लक्ष्य ‘ईश्वर की प्राप्ति’ कर लिया जाना चाहिए। मनुष्य अपना सारा जीवन सुख की प्राप्ति में किए गए जतन पर ही केंद्रित रखता है परन्तु विडम्बना है कि उतना ही अधिक दुख उसके जीवन में आता दिखलाई पड़ता है।

Top