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  ऋषिकेश वसंतोत्सव में गुरुवार को आयोजित दंगल प्रतियोगिता में पहलवानों ने दिखाया दमखम

admin 16 Feb 2024 1084

ऋषिकेश वसंतोत्सव में गुरुवार को आयोजित दंगल प्रतियोगिता में पहलवानों ने दमखम दिखाया। कई राज्यों से 40 पहलवान दंगल में हिस्सा लेने पहुंचे। इस दौरान पहलवानों ने बेहतर दांव पेंच दिखाकर खूब तालियां बटोरीं। पहली बार अयोध्या से भी पहलवान प्रतियोगिता में शामिल हुए। नगर निगम परिसर में आयोजित कुश्ती प्रतियोगिता का गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने शुभारंभ किया। कहा कि पहलवानी देश में पुराना परंपरागत खेल है। यह शरीर को स्वास्थ्य और मजबूत बनाने की कला है। उन्होंने इस तरह की प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देने की बात भी कही। दंगल में पहले दिन एक दर्जन से ज्यादा मुकाबले हुए। इसमें हरिद्वार, करनाल, आगरा, बाराबंकी, पंजाब, अयोध्या, बागपत, दिल्ली, पानीपत, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फनगर और अजमेर समेत कई स्थानों से पहलवानों ने कुश्ती की। दंगल देखने के लिए स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जुटी। पहलवानों के दांव-पेंच और पटकखनी पर लोगों ने खूब तालियां बजाई। शुक्रवार को प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले खेले जांएगे। मौके पर कार्यक्रम संयोजक विनय उनियाल, दीप शर्मा, पहलवान पंडित शास्त्री, मदनमोहन शर्मा, मेजर गोविंद सिंह रावत, शैलेंद्र बिष्ट, रामकृपाल गौतम, राकेश मियां, अनिल ध्यानी, सुनील दत्त थपलियाल, गुरविंदर सिंह, संजीव शर्मा, राजेंद्र सिंह बिष्ट, अभिषेक शर्मा, राजू शर्मा, दीपक बिष्ट, प्रवीन रावत आदि 


एम्स के चिकित्सकों ने जांची वकीलों की आंखें
ऋषिकेश बार एसोसिएशन ऋषिकेश ने गुरुवार को एम्स के नेत्र विभाग के सहयोग से शिविर आयोजित किया। इसमें जजों और 150 वकीलों की आंखों की जांच की गई। इस दौरान कई अधिवक्ताओं को चश्मा पहनने की सलाह दी गई। कई को एम्स पहुंचकर आंखों का परीक्षण कराने के लिए कहा गया।
विधि भवन में आयोजित शिविर का शुभारंभ बार एसोसिएशन अध्यक्ष पंचम मियां और महासचिव कपिल शर्मा ने किया। जज नसीम अहमद और भवदीप रावते ने भी वकीलों के साथ शिविर में आंखों की जांच कराई। एम्स के डॉ. संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि जांच में ज्यादातर अधिवक्ताओं की आंखे ठीक मिली। जबकि, कुछ के देखने की क्षमता कम होने पर उन्हें चश्मा पहनने की सलाह दी गई। आंखों की सुरक्षा को लेकर आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह भी दी गई।
मौके पर निवर्तमान अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सजवाण, सुभाष भट्ट, शरद सक्सेना, नरेंद्र सिंह रांगड़, महेश शर्मा, पूजा बेलवाल, प्रीति भट्ट, मनमोहन सिंह लांबा, राकेश सिंह मियां, अतुल यादव, जय सिंह रावत, पीङी त्यागी, सुनील नवानी मुकेश शर्मा, रविंद्र बिष्ट, संजीव पांडे, आरती मित्तल, अमरदीप कालड़ा, ललित मोहन मिश्रा, डॉ. उमेश यादव, डॉ. किरण बाला, महिपाल चौहान, राखी, अनुरूप जैन, मसरूर आलम, राजेंद्र पंत, आशु पाहवा आदि मौजूद रह




ऋषिकेश  हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआई) में विश्व बाल कैंसर दिवस पर विभिन्न जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर निदेशक डॉ.सुनील सैनी ने कहा कि बच्चों में कैंसर का इलाज मुमकिन है। सही समय पर उचित इलाज से बच्चों में कैंसर को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है और वह फिर से एक सामान्य जीवन जी सकते हैं। इस दौरान कैंसर पीड़ित बच्चों को तोहफे दिए गए। इससे बच्चे काफी उत्साहित दिखे।गुरुवार को विश्व बाल कैंसर दिवस के अवसर पर कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट में अस्पताल प्रशासन की ओर से कैंसर पीड़ित बच्चों का उत्साहवर्धन किया गया। आयोजित समारोह में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से आए सीआरआई में भर्ती कैंसर पीडित बच्चे और उनके अभिभावक मौजूद रहे। यहां भर्ती बच्चे ब्लड, ब्रेन, किडनी के कैंसर रोग से ग्रसित हैं। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीआरआई निदेशक डॉ.सुनील सैनी ने पीडि़त बच्चों को उपहार दिए। डॉ.सैनी ने अभिभावकों से आह्वान किया कि वह बच्चों के साथ किसी तरह का भेदभाव न करें। साथ ही उन पर दया नहीं बल्कि उनका उत्साहवर्धन करें। कैंसर चिकित्सक डॉ.मीनू गुप्ता ने बताया 14 वर्ष की उम्र तक करीब दस हजार में दो या तीन बच्चे इस वक्त देश में कैंसर से पीड़ित हैं। इस दौरान डॉ. मुश्ताक अहमद, डॉ. अशोक देवराड़ी, डॉ. विपुल नौटियाल आदि मौजूद रहे।
 

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