रफ्तार के सौदागर ऋषभ का पहले भी दो बार कट चुका है चालान
देहरादून। क्रिकेटर ऋषभ पंत की जान उस वक्त बाल बाल बच गई जब उनकी लक्जरी कार ने शुक्रवार को तड़के दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर सड़क के डिवाइडर से टकराने के बाद आग पकड़ ली। हरिद्वार जिले के मंगलोर में हुई दुर्घटना में 25 वर्षीय ऋषभ पंत को सिर, पीठ और पैरों में चोट आई हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर है। पंत की कार ने डिवाइडर से टकराने के बाद आग पकड़ ली।
बताया जा रहा है कि पंत को सुबह साढे पांच बजे पंत को झपकी आ गई थी, जिससे यह हादसा हुआ। पास से गुजर रही हरियाणा रोडवेज की एक बस के ड्राइवर और बाकी स्टाफ ने उन्हें जलती कार में से बाहर निकाला था। उनकी कार सुबह साढे पांच बजे डिवाइडर से टकरा गई। उन्हें रुड़की में सक्षम अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें देहरादून के मैक्स अस्पताल भेज दिया गया। डॉक्टरों का कहना है कि पंत को सिर और घुटने में चोटें आई हैं। लिगामेंट की चोट ठीक होने में दो से छह महीने लगते हैं।
मां को सरप्राइज देना चाहते थे ऋषभ:
यह भी बताया जा रहा है कि पंत नए साल पर घर जाकर अपनी मां को सरप्राइज देना चाहते थे। पंत के इलाज का पूरा खर्च उत्तराखंड सरकार उठा रही है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से पंत की हालत को लेकर ताजा जानकारी ली और उनके इलाज का पूरा बंदोबस्त करने के निर्देश दिए। पंत ने अब तक 2,271 रन बनाए हैं। वह 30 वनडे और 66 टी-ट्वेंटी में भी देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उन्होंने अब तक 33 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें पांच शतक और 11 अर्धशतक लगाए गए हैं।
तेज स्पीड के कारण पहले भी कट चुका है पंत का चालान :
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक तेज गति से वाहन चलाने के कारण ऋषभ पंत का उत्तर प्रदेश में एक नहीं, वरन दो बार चालान भी कट चुका है। इस साल 22 फरवरी को ऋषभ पंत की मर्सिडीज कार ने ट्रैफिक नियमों को तोड़ा था। ओवर स्पीड में दौड़ती मर्सिडीज कार (DL10CN1717) कार सड़क पर लगे कैमरों में कैद हो गई थी। इसके लिए पंत को 2000 रुपए का चालान भेजा गया, जो अब तक नहीं भरा गया है।